Thursday 26 November 2015

नागरिक हैं देश के भाग्य विधाता

हमारा प्रत्येक विचार, शब्द और कार्य एक उर्जा है जिसे हम किरणों के रूप में ब्रह्माण्ड में छोड़ते रहते हैं. इसे कर्म कहा जाता है. परिस्थितियां और दूसरे लोगों का व्यवहार भी इसी तरह की एक उर्जा है जो ब्रह्माण्ड से हमें मिलती है. यह हमारा भाग्य है. इसलिए हमारे आसपास अच्छे लोगों का होना जरूरी है. एक देश का भाग्य या अच्छा बुरा भी इसी प्रकार देशवासियों की सामूहिक उर्जा पर निर्भर करता है. इसलिए लोगों की सोच का सकारात्मक होना बहुत जरूरी है.
हमारे विचार हमारी भावनाओं को जन्म देते हैं, ये भावनाएं हमारा व्यवहार प्रदर्शित करती हैं. अपने व्यवहार या अभिरुचियों के आधार पर हम काम करते हैं. जिन कामों को हम बार बार करते हैं वो हमारी आदत बन जाते हैं. हमारी आदतें हमारे व्यक्तित्व(personality) में दिखाई देती हैं. हमारी personality से ही लोग हमें पसंद या नापसंद करते हैं.
इसे ऐसे भी समझा जा सकता है कि हमारे दिमाग में बहुत से विचार आते रहते हैं. हम अपनी बुद्धि के अनुसार निर्णय लेते हैं और इन निर्णयों के आधार पर काम करते हैं. जैसे काम हम बार बार करते हैं, वैसे ही हमारे संस्कार विकसित होते जाते हैं.
ब्रह्म कुमारी शिवानी के इन विचारों को जब मैं Rhonda Byrne की The Secret या रहस्य से जोड़कर देखता हूँ तो लगता है कि वास्तव में Law of Attraction अनादि काल से चला आ रहा है और ये हमारे जीवन के नितांत व्यक्तिगत अनुभवों और ज्ञान पर निर्भर करता है कि हम कब इसको समझते हैं. ध्यान सचेत मन को शांत करने और एक पवित्र और शक्तिशाली सोच बनाने की प्रक्रिया है. यह सोच अवचेतन मन में एक बीज की तरह आरोपित हो जाता है.